- आयोध्या राम मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना और विवादित है - मान्यता के अनुसार, यह मंदिर भगवान राम के जन्मस्थान पर बना हुआ है

- इस मंदिर को कई बार तोड़ा और बनाया गया है, अंतिम बार 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह बाबर ने इसे तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई थी - 1949 में इस मस्जिद में राम लल्ला की मूर्ति रखी गई

– 1992 में इस मस्जिद को कार सेवकों ने तोड़ दिया, जिससे देशभर में हिंसा फैल गई – 2010 में अल्लाहाबाद हाई कोर्ट ने इस जमीन को तीन भागों में बांटा, जिसमें एक भाग राम लल्ला को, एक भाग निर्मोही अखाड़े को, और एक भाग सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया

– 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद्द करते हुए इस जमीन को राम लल्ला को देने का आदेश दिया, और मुस्लिम पक्ष को एक अन्य जगह देने का निर्देश दिया – 2020 में राम मंदिर निर्माण शुरू हुआ, और 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम लल्ला की मूर्ति को नए मंदिर में स्थापित किया

-राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है, और इसका उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होने जा रहा है।  -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित हैं, और उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे घर पर रहकर दीये जलाएं और जश्न मनाएं।