प्रगति पथ का पथिक युवा

प्रगति पथ का पथिक युवा
-पूजा उमठ पॅवार 
 गांव-सनोली, जिला धार, म.प्र.

प्रगति पथ का पथिक युवा

प्रगतिपथ का हूं पथिक मैं, कहते है युवा मुझे,
विवेकानंद के आदर्शो पर चलूँ, कोई रोके ना मुझे,
देश और परिवार की जिम्मेदारी है मेरे कंधे पर,
जाति,पंथ,समाज में ना बांटो मुझे।


कहते है हौंसलो में उड़ान होती है,
अगर जाग जाए सभी युवा तो, ना बचे कोई बुराई देश में,
देश का भविष्य है युवा, जागना है हमें,
राजनीति हमे, तोड़ ना पाए, एक सूत्र में बंधना है हमें।


जागो युवा जागो, कोई बोलने नहीं आएगा हमें,
स्वयं के कर्तव्य से अवगत, होना होगा खुद हमें,
स्वामी विवेकानंद के आदर्शों, को अपनाकर,
देशहित को धर्म बनाकर, भविष्य विकसित बनाना होगा हमें।


चाहे अब हवा भी अपना रुख बदलकर चले,
युवा को अज्ञान रूपी अंधकार मिटाने ,चिराग बनना होगा,
रख खुद पर इतना यकीन, की तेरा कारवां भी चलेगा,
जाति, पंथ से ऊपर उठकर, ये देश फिर से उभरेगा,
इतिहास को बना अपना साथी, क्योंकि तुझे भूगोल बदलना है,
टुकड़ों में जो बंट गया है ना ये देश, इसे फिर से एक करना होगा।


स्वामी जी के कदमों पर चलकर, देश को विश्वगुरु बनाना है,
पाश्चात्य संस्कृति को त्यागकर, भारतीय संस्कृति को अपनाना है,
भ्रष्टाचार के बढ़ते पंखों को काटना है, क्योंकि युवा तूझे उड़ना है,
देश को जो दीमक की तरह खोखला कर रहे है, उनसे लड़ना है।


आवाज अपनी बुलंद कर, युवा तुझे संगठित होना है,
राह से भटक रही राजनीति को, युवा तूझे ही बदलना है,
गलत के खिलाफ आवाज भी सिर्फ युवा ही उठा सकता है,
नही उठा पाए अगर आवाज तो, वो युवा खून नहीं,
उसमे देशहित के लिए कोई दीवानगी नही,
जो देश के प्रति हमदर्दी ना रखे,
वो युवा कहलाने के लायक नहीं।
वो युवा कहलाने के लायक नहीं।।

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