सनातन संस्कृति के अग्रदूत, युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद
मां भारती के महान सपूत, विचारक, दार्शनिक, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के नेतृत्वकर्ता एवं भारतीय सभ्यता, संस्कृति, धर्म और आध्यात्मिकता […]
मां भारती के महान सपूत, विचारक, दार्शनिक, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के नेतृत्वकर्ता एवं भारतीय सभ्यता, संस्कृति, धर्म और आध्यात्मिकता […]
भारत की समृद्ध सनातन संस्कृति में त्योहार राष्ट्रीय एकता, प्रेम और हर्षोल्लास को प्रकट करते हैं। इन्हीं में से एक
भारत एक भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता वाला देश है, जहां विभिन्न त्यौहार लगभग पूरे वर्ष मनाए जाते हैं। इन त्यौहारों
25 मार्च को होली व 30 मार्च को रंग पंचमी मनाई जाएगी। त्यौहार की मस्ती में कई हानिकारक रसायन युक्त
सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व राष्ट्र की जीवंतता, निरंतरता एवं देश की पहचान के शाश्वत अंग हैं। खिलखिलाती प्रकृति के साथ
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए-स्वामी विवेकानन्द
भगवान श्रीराम, जो न्याय, बहादुरी और गुणों का प्रतीक हैं, वो सिर्फ एक दैवीय व्यक्ति नहीं थे, बल्कि आज के