नक्शा तरमीम और खसरे के सुधार जैसे राजस्व प्रकरणों का किया जाएगा समाधान
क्रांति न्यूज, रीवा । शासन ने जिले में 15 जनवरी से 29 फरवरी तक राजस्व महाअभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के दौरान नक्शा तरमीम, खसरे के सुधार, और अन्य राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। कलेक्ट्रेट सभागार में गतदिवस पटवारियों को प्रशिक्षण देते हुए, कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने बताया कि शासन द्वारा अभियान के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं और प्रत्येक गांव में कार्यवाही की कार्ययोजना तैयार की गई है। अभियान में राजस्व विभाग के अधिकारी और अन्य विभागों के अधिकारियों को ड्यूटी लगाई गई है, और सभी पटवारी अपने हल्के में जिम्मेदारी के साथ राजस्व महाअभियान चलाएंगे।
कलेक्टर ने बताया कि इस अभियान के दौरान 6 महीने से अधिक समय से लंबित सभी राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। लंबित प्रकरणों के संबंध में सभी प्रतिवेदन अनिवार्यता से प्रस्तुत करें। तहसीलदारों को लंबित प्रकरणों की सूची बनाने के लिए उपलब्ध कराया गया है, और सीमांकन के लिए राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों को लक्ष्य तय किए गए हैं।
अभियान के तहत, जिन गांवों में राजस्व शिविर लगाए जाएंगे, उन्हें ग्राम पंचायत के माध्यम से सूचित किया जाएगा। शिविर में ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायक भी मौजूद रहेंगे, और इनकी मदद से किसान सम्मान निधि की ई-केवाइसी का अपडेशन कराया जाएगा।
आपको बता दें की इस अभियान के तहत हर रोज की कार्यवाही की सभी जानकारी रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम (Revenue Case Management System) के पोर्टल https://rcms.mp.gov.in/ पर दर्ज की जाएगी।
क्या है आरसीएमएस पोर्टल-
रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम, एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो मध्य प्रदेश सरकार ने शुरू किया है। यह एक ई-गवर्नेंस पहल है। इसका उद्देश्य है कि लोग अपने राजस्व मामलों की स्थिति, न्यायालयों की कार्यवाही, फैसले आदि की जानकारी अपने घर से ही प्राप्त कर सकें। इससे नागरिकों को सुविधा मिलती है और न्यायालयों का काम भी आसान और स्पष्ट होता है। इस प्रकार यह पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।
नागरिको के लिए सिस्टम में उपलब्ध सुविधाएं:
- आप किसी भी दिन के लिए निर्धारित किए गए प्रकरणों की सूची देख सकते हैं।
- आप अपना प्रकरण खोजकर उसका विवरण और स्थिति जान सकते हैं।
- आप अपने प्रकरण में दिए गए आदेश का प्रति डाउनलोड कर सकते हैं।
राजस्व न्यायालयों के लिए उपलब्ध सुविधाएं:
- नामांतरण (दाखिल – ख़ारिज)
- ग्राम सभा की भूमि को सुरक्षित करने एवं अवैध कब्जेदारों की बेदखली
- मेड़बंदी एवं पैमाइश (सीमांकन)
- बंटवारा
- भूमि की नीलामी से सम्बंधित मामले आदि
- इन मामलों पर फैसला करने के लिए राजस्व न्यायालयों के विभिन्न स्तर होते हैं, जैसे तहसीलदार, अभिलेख अधिकारी, बंदोबस्त अधिकारी, कलेक्टर, कमिश्नर, रेवेन्यू बोर्ड आदि।
- इन न्यायालयों के फैसले के खिलाफ अपील, पुनरावलोकन और समीक्षा की याचिका दायर की जा सकती हैं।
ई-गवर्नेंस (E-governance)-
ई-गवर्नेंस (E-governance) का मतलब है सरकार द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग करके नागरिकों, व्यवसायों और अन्य सरकारी एजेंसियों को सूचना और सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रदान करना। ई-गवर्नेंस के चार चरण हैं जो की उपस्थिति, सहभागिता, लेन-देन और परिवर्तन है।
ई-गवर्नेंस के चार चरण:
- उपस्थिति: इस चरण में, सरकार अपनी वेबसाइट पर सूचना प्रदान करती है, लेकिन नागरिकों के साथ कोई बातचीत नहीं होती है। यह एक एकतरफा संचार है।
- सहभागिता: इस चरण में, सरकार नागरिकों के सुझाव, प्रतिक्रिया और शिकायतों को सुनती है और उनके साथ दोतरफा संचार करती है। यह एक इंटरैक्टिव संचार है।
- लेन-देन: इस चरण में, सरकार नागरिकों को ऑनलाइन सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने की सुविधा देती है, जैसे कर भुगतान, आवेदन पत्र, प्रमाण पत्र, आदि। यह एक ट्रांसफॉर्मेशनल संचार है।
- परिवर्तन: इस चरण में, सरकार नागरिकों को शासन में भागीदार बनाती है और उनके साथ सहयोग करती है। यह एक एम्पावरमेंटल संचार है।
ई-गवर्नेंस के फायदे-
- यह सरकारी कार्यों को अधिक दक्ष, प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाता है।
- यह नागरिकों को घर बैठे सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने की सुविधा देता है।
- यह भ्रष्टाचार को कम करने और सरकारी खर्च को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- यह सरकार और नागरिकों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ाता है।
साथियों कई बार इन सब सिस्टम की जानकारी नहीं होने के कारण सरकारी कर्मचारी आपका काम करने के लिए आपसे घूस मांगते हैं, आपका शोषण करते हैं। अतः आप खुद भी जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक कीजिए।
इसी प्रकार खबरों के साथ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने हेतु जन अभ्युदय क्रांति न्यूज को पढ़ते रहें और अपने साथियों के साथ शेयर करते रहें। अगर आपको कोई समाचार या सूचना देनी हो तो आप हमें संपर्क कर सकते हैं। धन्यवाद।