भारत में विचाराधीन कैदियों को मताधिकार से वंचित रखने के कानून कितने प्रासंगिक
देश में 18वीं लोकसभा के लिए 7 चरणों में संपन्न होने वाले आम चुनाव की मतदान प्रक्रिया अब अंतिम चरण […]
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कोविड-19 के बाद वर्ष 2022 में विश्वभर में होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण क्षय रोग(तपेदिक/टीबी) था।क्षयरोग के कारण
-प्रो. रवीन्द्र नाथ तिवारी ( शिक्षाविद् ) गणतंत्र का 75वां वर्ष विभिन्न पहलुओं में देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण
कर्पूरी ठाकुर को मिला भारत रत्न I am delighted that the Government of India has decided to confer the Bharat
सिविल सेवा की तैयारी कर रहे मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को सशक्त बनाने के अपने मिशन को जारी रखते हुए,
भारत प्राचीनकाल से ही सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक वैभव और आध्यात्मिक चेतना का केन्द्र रहा है, किंतु औपनिवेशिक शासन के लंबे
मॉं भारती के महान सपूत, अनन्य राष्ट्रभक्त, मौलिक चिंतक, श्रेष्ठ लेखक, पत्रकार और संगठनकर्ता के रूप में पंडित दीनदयाल
भारत की पावन भूमि में समय-समय पर महापुरुषों ने जन्म लेकर सम्पूर्ण मानवता के कल्याण में अतुलनीय एवं अप्रतिम योगदान
भारतीय दर्शन में, शिक्षक को गुरु के रूप में देखा जाता है, जो सिर्फ ज्ञान ही नहीं देता, बल्कि अज्ञान
भारत अपनी स्वाधीनता के 79वें वर्ष के गौरवशाली पड़ाव पर पहुंच कर ‘अमृतकाल’ की यात्रा पर अग्रसर है। यह अमृतकाल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को केंद्र सरकार ने देश की बदलती आवश्यकताओं और वैश्विक मानकों को ध्यान में रखते हुए
भारत में हाल के दिनों में बाढ़ से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और
भारतीय सनातन संस्कृति में गुरु को परमात्मा से भी श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। यह परंपरा न केवल शिक्षा के माध्यम
भगवान बिरसा मुंडा की एक ऐसे महान आदिवासी क्रांतिकारी नेता थे, जिनका संघर्ष ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ जनजागृति और